
असम के धुबरी ज़िले से सामने आया एक मामला सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर गया है। लखीमारी मिडिल स्कूल के शिक्षक शाह आलम सरकार को धुबरी पुलिस ने जमात-ए-इस्लामी से कथित संबंधों के शक में गिरफ्तार किया है।
जमात-ए-इस्लामी कनेक्शन और पूछताछ का दौर
पुलिस सूत्रों के मुताबिक शाह आलम पर बांग्लादेश स्थित राजनीतिक-धार्मिक संगठन जमात-ए-इस्लामी से कथित संबंध होने का आरोप है।
“वह सीमावर्ती इलाकों में कट्टरपंथी विचारधारा के प्रचार में शामिल हो सकता है,” — एक जांच अधिकारी ने बताया।
शाह आलम से फिलहाल पूछताछ की जा रही है और जांच इस बात पर केंद्रित है कि क्या उसकी गतिविधियाँ राष्ट्रविरोधी तत्वों से जुड़ी हुई थीं।
स्कूल या कट्टरपंथ की प्रयोगशाला?
यह वही स्कूल है जिसे पहले लखीमारी प्री-एमई मदरसा कहा जाता था। 13 दिसंबर 2023 को इसे एक सामान्य स्कूल में बदला गया था।
अब पुलिस जांच कर रही है कि कहीं यह बदलाव सिर्फ कागजों तक तो नहीं था?
एक और शिक्षक हज़रत अली फरार
इसी प्रकरण से जुड़ा एक और शिक्षक, हज़रत अली, गायब बताया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि वह संदिग्ध है और उसकी तलाश में रेड अलर्ट जारी किया गया है। “हज़रत अली इस पूरे नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है,” — पुलिस का संदेह।
स्थानीयों में फैला डर, बढ़ी सुरक्षा चिंता
लखीमारी जैसे सीमावर्ती गांवों में यह मामला बन गया है सुरक्षा और कट्टरपंथ की घुसपैठ का अलार्म। “इतने नज़दीक बांग्लादेश बॉर्डर है और शिक्षक ही संदिग्ध निकले, तो बच्चों की सुरक्षा कौन देखेगा?” — स्थानीय निवासी।

धुबरी पुलिस का बड़ा ऐलान: नेटवर्क को करेंगे एक्सपोज़
धुबरी पुलिस ने बयान में कहा है कि वे संपूर्ण नेटवर्क को उजागर करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। सीमा सुरक्षा बल (BSF), खुफिया एजेंसियाँ और साइबर सेल भी जांच में शामिल हैं।
सिस्टम सो रहा था या जानबूझकर अनजान बना रहा?
कट्टरपंथ, सीमावर्ती घुसपैठ और स्कूल में संदिग्ध गतिविधियाँ — यह सिर्फ एक गिरफ्तारी नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम पर सवालिया निशान है।
शिक्षक ही जिहादी एजेंडे के वाहक बन जाएं, तो पाठशालाएं कब अपराधशाला बन जाएं, कहना मुश्किल है।